गैस्ट्राइटिस एक ऐसी स्थिति है जो पेट की परत की सूजन पैदा करती है। यह अचानक (क्रोनिक) हो सकता है या समय के साथ विकसित हो सकता है। जबकि कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं हो सकता, उनमें कई तरह की खामियां हो सकती हैं। गैस्ट्रिटिस के रहस्य और रोकथाम के लिए प्रभावी उपचार और रोकथाम आवश्यक है।
### गैस्ट्राइटिस के लक्षण
गैस्ट्रिटिस के लक्षण गैस्ट्रिटिस के नामांकित और प्रकार (तीव्र या जीर्ण) के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। आम लाइसेंस में शामिल हैं:
1. **पेट में दर्द**: पेट के ऊपरी हिस्सों में जलन या जलन वाला दर्द सबसे आम दर्द में से एक है। खाने के बाद या पेट खाली होने पर दर्द अधिक हो सकता है।
2. **मतली और उल्टी**: गैस्ट्राइटिस से पीड़ित कई लोगों को मतली का अनुभव होता है, और कुछ मामलों में उन्हें उल्टी भी हो सकती है। अगर स्थिति गंभीर है तो उल्टी में कभी-कभी खून भी आ सकता है।
3. भूख में कमी: गैस्ट्राइटिस से जुड़ी समस्याएं और दर्द के कारण, प्रभावित व्यक्ति अक्सर भूख खो देते हैं, जिससे उनका कुछ मामलों में वजन कम हो सकता है।
4. **अपच**: गैस्ट्राइटिस से पीड़ित लोगों को अक्सर अपच (डिस्पेसिया) का अनुभव होता है, जिसमें पेट फूलना, डकार आना या थोड़ी मात्रा में भोजन करने के बाद पेट फूलना जैसे भावनात्मक लक्षण शामिल होते हैं।
5. **काला या खूनी मल**: यदि गैस्ट्राइटिस के साथ भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो इसके लक्षण काला, काला या खूनी मल या अधिक गंभीर मामलों में मल में खून दिखाई दे सकता है। यह आंतरिक अंतरराष्ट्रीय का संकेत है और इसके लिए आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता है।
6. **डकार और एसिड रिफ्लक्स**: कुछ लोगों को बार-बार डकार या एसिड रिफ्लक्स की अनुभूति हो सकती है, जहां पेट में एसिड अन्नप्रणाली में चढ़ जाता है, जिससे एसिडिटी या एसिडिटी का स्वाद पैदा हो जाता है।
7. **थकन**: क्रोनिक गैस्ट्रिटिस-कभी-कभी शरीर द्वारा आवश्यक पोषक तत्वों की कमी के कारण थकान या सामान्य कमजोरी का कारण बन सकता है, विशेष रूप से अगर स्थिति लाल रक्त एनीमिया (एनीमिया) के निम्न स्तर के अनुरूप होती है है.
### गैस्ट्राइटिस के कारण
गैस्ट्राइटिस के कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, दवाएँ, आदतें और बीमारियाँ शामिल हैं। सबसे आम गुणों में से कुछ इस प्रकार हैं:
1. **हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण**: गैस्ट्राइटिस के प्राथमिक लक्षणों में से एक *हेलिकोबैक्टर पाइलोरी* (एच. पाइलोरी) बैक्टीरिया से संक्रमण है। यह बैक्टीरिया पेट की परत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे सूजन हो जाती है। यह अनुमान लगाया गया है कि विश्व की 50% जनसंख्या एच.एस.पी. पाइलोरी से विषाक्तता हो सकती है, हालांकि हर किसी में लक्षण विकसित नहीं होते हैं।
2. **अथिक शराब का सेवन**: अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से पेट की परत में जलन और जलन हो सकती है, जिससे यह सूजन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। लगातार भारी मात्रा में अल्कोहल स्ट्रेंथ और जीर्ण गैस्ट्रिटिस दोनों एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं।
3. **गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी पेस्ट (एनएसएआईडी) का सामान्य उपयोग**: इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और नेप्रोक्सन जैसी दवाएं बार-बार या लंबे समय तक इस्तेमाल की जाने वाली गैस्ट्रिटिस का कारण बन सकती हैं। ये दवाएं प्रोस्टाग्लैंडीन के उत्पादन को रोकती हैं, जो पेट के कणों को एसिड से राहत दिलाने में मदद करती हैं।
4. **तनाव**: साइंटिस्ट और शारीरिक तनाव, विशेष रूप से सर्जरी, चोट या गंभीर बीमारी से, गैस्ट्राइटिस का कारण बन सकता है। तनाव के कारण शरीर में तनाव हार्मोन जारी हो सकता है, जो पेट के एसिड के संतुलन को प्रभावित कर सकता है


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